आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरजी कर पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर के परिजनों से की मुलाकात, सीबीआई जांच पर जताई चिंता
कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कोलकाता प्रवास के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर, जिनकी निर्मम हत्या और दुष्कर्म किया गया था, के शोकाकुल माता-पिता से मुलाकात की। यह बैठक राजारहाट स्थित एक गेस्ट हाउस में हुई, जहां पीड़िता के माता-पिता ने केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) द्वारा मामले की जांच में कथित धीमी प्रगति को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। आरएसएस सूत्रों के अनुसार, पीड़िता के माता-पिता ने पहले ही मोहन भागवत से मिलने का अनुरोध किया था, जिसे आरएसएस के माध्यम से उन तक पहुंचाया गया। उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए उनसे मुलाकात की। इस दौरान, शोकसंतप्त माता-पिता भावुक हो गए और मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।मोहन भागवत ने उन्हें आश्वा
सन दिया कि आरएसएस इस मामले में हरसंभव सहयोग करेगा और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आगे बढ़े। उन्होंने यह भी कहा कि संघ के कार्यकर्ता इस मामले की निगरानी करेंगे ताकि दोषियों को सजा मिल सके।बंगाल भाजपा में नेतृत्व संकट पर भागवत से मिले नेता इस बीच, पश्चिम बंगाल में भाजपा के एक धड़े के नेताओं ने भी शनिवार को मोहन भागवत से मुलाकात की और राज्य में पार्टी नेतृत्व से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। 2026 विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, भाजपा के एक वर्ग ने राज्य में पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष की वापसी की मांग की है। इन नेताओं का कहना है कि दिलीप घोष के नेतृत्व में भाजपा राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी थी और चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए उन्हें दोबारा जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहे हैं और कई पार्टी रैलियों में भाजपा के झंडे तक नजर नहीं आ रहे हैं। साथ ही, वर्तमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार पर भी यह आरोप लगाया गया कि वे राज्य की राजनीति को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मोहन भागवत ने उनकी चिंताओं को ध्यानपूर्वक सुना, लेकिन इस संबंध में कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया। मोहन भागवत की इस यात्रा और उनकी मुलाकातों से राज्य में संघ की बढ़ती सक्रियता और 2026 विधानसभा चुनावों से पहले बंगाल की राजनीति में उसके प्रभाव को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
Post a Comment