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पहलगाम पीड़ितों की स्मृति में चंडीगढ़ में हुआ गुरबानी कीर्तन

चंडीगढ़, पहलगाम की त्रासदी में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार, सेक्टर 8 के गुरुद्वारे  में गुरबानी कीर्तन आयोजित किया गया। इस आध्यात्मिक सभा का आयोजन वर्ल्ड पंजाबी ऑर्गेनाइज़ेशन द्वारा किया गया, जिसमें राष्ट्र की एकता, शांति और मजबूती के लिए प्रार्थना की गई। श्री दरबार साहिब, अमृतसर के प्रसिद्ध हज़ूरी रागी भाई शुभदीप सिंह जी ने कीर्तन किया


, जिसके बाद कौमी एकता के लिए विशेष अरदास की गई। पंजाब के महामहिम राज्यपाल  गुलाब चंद कटारिया और हरियाणा के महामहिम राज्यपाल  बंडारू दत्तात्रेय ने भी इस मौके पर पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए प्रार्थना में भाग लिया।

यह गुरबानी कीर्तन पद्मश्री डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी (सांसद, राज्यसभा) एवं अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, WPO के नेतृत्व में तथा करन गिलहोत्रा, उपाध्यक्ष, वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाईजेशन चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित किया गया।

गवर्नर कटारिया ने कहा, “यह हमला सिर्फ हमारे देश के बहादुर नागरिकों पर नहीं, बल्कि मानवता पर हुआ है। आतंकवाद का कोई धर्म, कोई जाति, कोई मानव मूल्य नहीं होता। यह नफरत की उपज है, जो केवल विनाश और पीड़ा लाती है।” 

कटारिया ने कहा कि  ऐसे आतंकवादी हमले सिर्फ एक जंगली


सोच का परिणाम होते हैं, जो न केवल जान लेते हैं, बल्कि मासूम और निर्दोष लोगों की जिंदगी को खत्म कर देते हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जो हम सभी के लिए एक कड़वी याद है कि आतंकवाद किस हद तक इंसानियत का विनाश करता है।

हरियाणा के गवर्नर  बंडारू दत्ता ने भी आतंकी हमले की भर्तस्ना करते हुए  कहा कि  इस बुजदिल और घिनौने कृत्य को अंजाम देने वालों पर नेशनल व राज्य सरकार द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी , उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई अडिग है :सभी धर्म, यहां तक की इस्लाम धर्म और पैगम्बर मौहमद भी शांति, प्रेम, करूणा और दया के साथ रहना सिखाते है। मजहब के नाम पर जो हिंसा कर रहे है, इसे हमारे देशवासियों को समझना चाहिए।

मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना,

हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्तां हमारा।

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा,

हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलसितां हमारा।।

राज्यसभा सांसद डॉक्टर विक्रम जीत साहनी ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों को हर क़ीमत पर ढूंढकर सख़्त से सख़्त सजा देनी चाहिए ताकि दोबारा कोई आतंकी ऐसी हिमाक़त न करें

इस अवसर पर करन गिलहोत्रा ने कहा, “यह कीर्तन और अरदास हमारे सामूहिक दुख और आशा की अभिव्यक्ति है। हमने प्रार्थना के माध्यम से पीड़ितों के लिए शांति और समाज में एकता की भावना को मज़बूत करने का प्रयास किया।”

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