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पंजाब कैबिनेट मीटिंग: नई बिल्डिंग पॉलिसी को मंजूरी, नशा मुक्ति केंद्रों पर सख्त निगरानी

 चंडीगढ़, मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में ‘Punjab Unified Building 2025’ पॉलिसी को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत बिल्डिंग की अधिकतम ऊंचाई 15 मीटर से बढ़ाकर 21 मीटर कर दी गई है। अब निर्माण के नक्शे सेल्फ सर्टिफिकेशन सिस्टम के तहत पास होंगे। बिल्डिंग नियमों की कई अन्य शर्तों में भी ढील दी गई है ताकि राज्य में आवासीय और वाणिज्यिक निर्माण तेज़ी से आगे बढ़ सके।

प्रशासनिक सुधार और शहरी विकास

लुधियाना में नई सब-तहसील: मंत्रिमंडल ने लुधियाना में नई सब-तहसील के गठन को मंजूरी दी। इसमें चार पेटवार सर्कल, एक कानूनगो सेक्टर और सात से आठ गांव शामिल होंगे।

बरनाला को नगर निगम का दर्जा: बरनाला नग


र परिषद को नगर निगम में अपग्रेड किया गया है, जिससे स्थानीय विकास कार्यों को गति मिलेगी।

डेरा बसी में 100 बेड का अस्पताल: राज्य सरकार अस्पताल के लिए जमीन उपलब्ध कराएगी जबकि अस्पताल केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाएगा।

खेल और युवा सशक्तिकरण

पंजाब स्पोर्ट्स मेडिकल विंग में 100 नई पोस्टों को मंजूरी दी गई है। इन पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति तीन साल के अनुबंध (कांट्रेक्ट) पर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय खेल सुविधाओं को मजबूत करने और खिलाड़ियों के लिए चिकित्सा सेवाएं बेहतर करने की दिशा में अहम कदम है।

नशा मुक्ति केंद्रों के लिए सख्त नियम

राज्य में संचालित लगभग 140 से 145 निजी नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं।

बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी।

मरीजों को दी जाने वाली दवाओं पर सरकार की निगरानी रहेगी।

किसी भी तरह की मारपीट, उत्पीड़न या जबरदस्ती काम करवाने की शिकायतों पर अब सीधे कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य नशा मुक्ति केंद्रों की पारदर्शिता बढ़ाना और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

धार्मिक और सांस्कृतिक पहल

श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर 24 नवंबर को आनंदपुर साहिब में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होगा।इस मौके पर कश्मीर से श्रद्धालुओं का पहला काफिला रवाना होगा, जिसमें कश्मीरी पंडित भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

पराली विवाद पर मुख्यमंत्री का पलटवार

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर पंजाब को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘जब पंजाब की फसल अभी पूरी कटी नहीं है, तो धुआं दिल्ली तक कैसे पहुंच गया?’मान ने सवाल उठाया, ‘हरियाणा का धुआं क्यों नहीं पहुंचा और दिल्ली का एक्यूआई 400 से ऊपर क्यों है?’मुख्यमंत्री ने इसे ‘राजनीतिक मुद्दा’ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को पराली जलाने वाले सभी राज्यों की बैठक बुलाकर ठोस समाधान निकालना चाहिए।

मान ने कहा कि ‘एसआईआर को वोट चोरी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। जिन राज्यों को इस पर आपत्ति है, उनकी बात सुनी जानी चाहिए।’ उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को इस मामले पर पारदर्शी और खुला जवाब देना चाहिए।

बाढ़ राहत और किसानों की सहायता

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार से अभी तक 1600 करोड़ रुपये की बाढ़ राहत राशि नहीं मिली है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अन्य योजनाओं से फंड जुटाकर किसानों की सहायता कर रही है।

मान ने आश्वासन दिया कि राज्य में डीएपी की कमी नहीं आने दी जाएगी।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में गेहूं का बीज भेजा जा रहा है, और मकानों, पशुओं व घरों के नुकसान का मुआवजा भी दिया जा रहा है।

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