PHDCC और नीति आयोग ने ‘निर्यात आधारित विकास संचालक के रूप में राज्य’ विषय पर किया कार्यशाला का आयोजन
चंडीगढ़ (प्रोसन बर्मन): रक्षा, अंतरिक्ष, कृषि और प्रौद्योगिकी सहित प्रमुख क्षेत्रों में एफडीआई उदारीकरण जैसे रणनीतिक नीति सुधारों ने व्यापार और निवेश के परिदृश्य को नया आकार दिया है। उक्त विचार नीति आयोग के सदस्य डॉ.अरविंद विरमानी ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व नीति आयोग के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यशाला का थीम ‘निर्यात आधारित विकास संचालक के रूप में राज्य’ था।
उन्होंने कहा कि निर्यात और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना मौजूदा समय की मांग है। इसके साथ ही, सार्वजनिक क्षेत्र के पुनर्गठन, कर सुधार और रणनीतिक उद्योग नीतियों ने विनिवेश और निजीकरण की सुविधा प्रदान की, जिससे एक गतिशील अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश वातावरण को बढ़ावा मिला। कार्यक्रम में पहुंचे नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार (व्यापार, वाणिज्य, आर्थिक और वित्त) संजीत सिंह ने कहा कि हमें अमृत काल में रहने का सौभाग्य मिला है,प्रधान मंत्री ने भारत के विकास पथ में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है। भारत सभी जी-7 व्यापारिक साझेदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने के लिए तैयार है,जिसका लक्ष्य वैश्विक मानकों के अनुरूप निर्यात लागत को आठ प्रतिशत तक कम करने के लिए निवेश, रोजगार और निर्यात बुनियादी ढांचे को अधिकतम करना है। सेवा निर्यात, विशेषकर आईटी क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को एक वैश्विक शक्ति के रूप में देखा जाता है। पीएचडीसीसीआई जैसे उद्योग निकायों के साथ नीति आयोग का सहयोग नवाचार और तालमेल को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस प्रयास को दर्शाता है।
इससे पहले मुख्य अर्थशास्त्री एवं पीएचडीसी
सीआई के डिप्टी सैक्टरी जनरल डॉ. एसपी शर्मा ने व्यापार और निर्यात पर मजबूत फोकस के साथ दुनिया भर में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भारत की स्थिति पर जोर देकर प्रारंभिक टिप्पणी दी। उन्होंने एमएसएमई की बढ़ती प्रमुखता और उनके बढ़ते महत्व के लिए सरकारी सुधारों को श्रेय दिया। उन्होंने निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि का भी उल्लेख किया, जो वैश्विक बाजार में भारत की बढ़ती उपस्थिति और प्रतिस्पर्धात्मकता का संकेत है। इस अवसर पर बोलते हुए पीएचडीसीसीआई पंजाब चैप्टर के अध्यक्ष आरएस सचदेवा ने विशेष रूप से परिवहन क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी की बढ़ती आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। टाइनोर ऑर्थोटिक्स के प्रबंध निदेशक पी.जे सिंह ने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों को मजबूत करने के महत्व पर जोर देते हुए उत्पादन का विस्तार करने और सीमाओं को पार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर आयोजित विभिन्न सत्रों के दौरान एमएसएमई बोर्ड की सदस्य डॉ. हरजिंदर के तलवार, विकास वर्मा, मुस्कान अग्रवाल, राजस्थान उद्योग विभाग अतिरिक्त आयुक्त आर.के. अमेरिया, यूएनडीपी उत्तरी क्षेत्र के विकास वर्मा, डॉ.मीरा मल्हान, गीतांजली नटराज, प्रो.निधि शर्मा, विश्वबंधु समेत कई गणमान्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।
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