डेनमार्क में मिनर्वा ने जीता दाना कप, 1 हफ्ते में भारतीय ने जीता दूसरा वर्ल्ड टाइटल
भारतीय क्लब मिनर्वा एकेडमी ने भारत से विश्व मंच तक अपनी पहचान करा दी है। मिनर्वा ने एक हफ्ते में दूसरा विश्व खिताब जीता है। उन्होंने 19 जुलाई को यूथ वर्ल्ड कप(गोथिया कप) जीता और अब 25 जुलाई को डेनमार्क में टीम ने दाना कप का खिताब अपने नाम कर लिया। मिनर्वा की अंडर-14 टीम दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित युवा टूर्नामेंटों भारत की पहचान करा दी है। लगातार दो अंतरराष्ट्रीय खिताब के साथ मिनर्वा ने प्रतिभा और टीम वर्क दिखाते हुए वर्ल्ड मैप पर जगह बनाई है।
फाइनल मैच में टीम ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और माल्टा के केएफएफ क्लब को 15-0 से हराया। इसी के साथ टीम दाना कप अपने नाम करने में सफल रही। पूरे मैच में टीम का दबदबा रहा और उन्होंने गोल करने का मौका नहीं दिया। माल्टा की टीम पूरी तरह से पीछे रही और मिनर्वा ने लगातार गोल किए।
टीम का खेल के हर पहलू पर दबदबा रहा।
टीम ने मिडफील्ड एरिया पर दबदबा बनाए रखा। राज ने तीन गोल के साथ हैट्रिक दागी, जबकि रिदम, टोनी, राजेश, चेतन.के, योहेन्बा, डेनामोनी ने 2-2 गोल दागे। आजम और चेतन टी. की ओर से आए 1-1 गोल ने टीम की जीत पक्की कर दी।
इससे पहले सेमीफाइनल में टीम ने फिलिस्तीन की रावहेल को 4-0 से हराया। देनामोनी ने दो गोल दागे, जबकि राज और रिदम ने 1-1 गोल किया। वहीं, क्वार्टर फाइनल में मिनर्वा ने आर्टजीज को 17-1 से मात दी। राज ने हैट्रिक की। योहेन्बा, डेनामोनी, चेतन टी., पुनशिबा, अमरसन, आजम ने 2-2 गोल दागे, जबकि मेहताब और टोनी ने 1-1 गोल किया।
डेनमार्क के होरिंग में खेले गए दाना कप में 45 प्लस देशों की 1,000 से अधिक युवा टीमों ने हिस्सा लिया। ये दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा युवा फुटबॉल टूर्नामेंट है। भारतीय टीम ने किसी को अपने आगे टिकने का मौका नहीं दिया।
टीम ने टूर्नामेंट में 110 गोल दागे और सिर्फ़ 1 गोल खाया। इससे एक विरासत स्थापित हुई। टूर्नामेंट के अंत तक मिनर्वा एकेडमी ने 7 मैचों में 110 गोल दागे और सिर्फ़ 1 गोल खाया। किसी भी एज ग्रुप में कोई भी टीम उसके क़रीब नहीं पहुंच पाई। इन आंकड़ों से परे एक और महत्वपूर्ण बात छिपी है - भारतीय फुटबॉल के लिए एक नया विश्वास।
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