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डेयरी के जरिये अब विदेशी मुद्रा का अर्जन भी किया जा सकेगा: अमित शाह

चंडीगढ़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों में सहकारिता मंत्रालय ने 10 महत्वपूर्ण पहलें की हैं, जिनका मकसद देश के सहकारी क्षेत्र को और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक राष्ट्रीय सम्मेलन में इन पहलों की जानकारी देते हुए कहा कि इनका लक्ष्य सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। अमित शाह ने बताया कि आजादी के 70 साल बाद मोदी सरकार ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, जिसके तहत देश के गांवों और पंचायतों में 2 लाख नई बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों, डेयरी, और मत्स्य सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। इसके साथ ही, श्वेत क्रांति 2.0 के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और कुपोषण से लड़ने का मार्ग भी प्रशस्त किया जा रहा है।


श्वेत क्रांति 2.0 का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। अमित शाह ने बताया कि डेयरी क्षेत्र से जुड़कर महिलाएं अपने जीवन को बेहतर बना रही हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में 36 लाख महिलाएं इस समय डेयरी उद्योग से जुड़ी हुई हैं और लगभग 60,000 करोड़ रुपये का व्यापार कर रही हैं। इससे न केवल ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, बल्कि वे अपने परिवारों और समुदायों के कुपोषण को दूर करने में भी योगदान दे रही हैं। डेयरी क्षेत्र के विकास से भारत को विदेशी मुद्रा अर्जित करने का भी अवसर मिलेगा। जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी बैंकों के माध्यम से वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा दिया है। गुजरात के पंचमहल और बनासकांठा जिलों में 4 लाख से अधिक नए सहकारी बैंक खाते खोले गए, जिनमें 500 करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए हैं। इसके अतिरिक्त, 1,732 माइक्रो एटीएम स्थापित किए गए और 20,000 नए क्रेडिट कार्ड जारी किए गए, जिससे 24 लाख से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं।

अमित शाह ने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों में सहकारिता मंत्रालय ने 60 नई पहलें की हैं। इन 100 दिनों में शुरू की गईं 10 पहलें सहकारी क्षेत्र को और अधिक व्यापक और आधुनिक बनाएंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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