बंगाल कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने का मुख्यमंत्री का निर्देश
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज बंगाल कुंभ मेला समिति को निर्देश दिया कि त्रिवेणी (हुगली) और गौरांग महाप्रभु घाट, माजेरचर, कल्याणी (नदिया) में आयोजित बंगाल कुंभ मेले के दौरान राज्य और देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह मेला 16 फरवरी तक जारी रहेगा। गुरुवार को होने वाले दूसरे शाही स्नान के मद्देनजर भारी संख्या में श्रद्धालु पहले ही पहुंच चुके हैं, और आने वाले दिनों में और भी अधिक भक्तों के आने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य प्रशासन ने हुगली और नदिया जिला प्रशासन को सतर्क रहने और मेले की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने का निर्देश दिया है। भीड़ प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी प्रस्तावित मेला यात्रा रद्द कर दी है। हालांकि, उन्होंने रामकृष्ण वेदांत मिशन द्वारा आयोजित इस मेले की सराहना की। कल त्रिवेणी में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया था, जबकि आज सुबह 4 बजे से ही हजारों भक्त गौरांग महाप्रभु घाट, माजेरचर, कल्याणी में स्नान कर रहे हैं।
प्रयागराज महाकुंभ मेले के आयोजकों में से एक और श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मानंद ने भी अन्य संतों के साथ पवित्र स्नान किया। आज सुबह उन्होंने एक भव्य शाही जुलूस की अगुवाई की, जो गौरांग महाप्रभु घाट पर पहुंचा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने संदेश में कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि 10 से 16 फरवरी तक कल्याणी के माजेरचर में गौरांग महाप्रभु घाट पर 'बंगाल कुंभ मेला' आयोजित किया जा रहा है। मैं स्वयं इसमें शामिल होना पसंद करती, लेकिन इस तरह के आयोजनों में भारी भीड़ उमड़ती है, और मैं चाहती हूं कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसलिए, मैं इस मेले की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं भेज रही हूं।" बंगाल कुंभ मेला समिति के अध्यक्ष स्वामी शिवेश्वरानंद महाराज ने कहा, "बंगाल कुंभ धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल कर रहा है, और आने वाले वर्षों में यह पूरे भारत से श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।"इस बीच, श्री पंचायती महा
निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मानंद ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना की। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने गंगासागर यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए मुरीगंगा नदी पर पुल निर्माण के लिए राज्य के बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस वर्ष लगभग एक करोड़ श्रद्धालु गंगासागर पहुंचे थे, जिससे यह साबित होता है कि इस पुल की तत्काल आवश्यकता है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1,500 करोड़ रुपये है, और केंद्र सरकार को भी इस पहल में सहयोग देना चाहिए।"बंगाल कुंभ मेले को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, और स्थानीय प्रशासन मेले की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
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