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चाय बागान के मजदूरों के बीच मनाई शादी की सालगिरह, इंजीनियर दंपती ने पेश की मिसाल

जलपाईगुड़ी: समाज में अगर बदलाव लाना है, तो शुरुआत खुद से करनी होगी — ये साबित कर दिखाया जलपाईगुड़ी के एक आईटी इंजीनियर और उनकी पत्नी ने। अपनी शादी की सालगिरह धूमधाम से सेलिब्रेट करने के बजाय, उन्होंने वो दिन समर्पित किया चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों और उनके बच्चों के नाम। आईटी इंजीनियर दीप्र चक्रवर्ती और उनकी पत्नी महाश्वेता चक्रवर्ती ने एक मिसाल कायम करते हुए अपनी सालगिरह का सारा खर्च बचाकर जरूरतमंदों की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, "शादी की सालगिरह हमारे लिए एक लग्जरी है, लेकिन इस एक दिन को मजदूरों के साथ बिताकर जो खुशी मिली, वो किसी बड़े होटल या पार्टी से कई गुना ज़्यादा है।"

रविवार को उज्जीवनी फाउंडेशन के सहयोग से जलपाईगुड़ी के डेंगुआझार चाय बागान के जजातपुर जनजाति बस्ती में अन्नपूर्णा पूजा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में दो सौ से ज्यादा लोगों के बीच अन्नप्रसाद का वितरण किया गया और पचास से अधिक बच्चों को कॉपियाँ और पेन दिए गए।

इस पूरे आयोजन में दीप्र चक्रवर्ती ने अपने सालगि


रह के अवसर पर आर्थिक सहायता की, और आयोजन को सफल बनाने में उज्जीवनी फाउंडेशन के अन्य सदस्य—कृष्णेंदु गुहा, शुभंकर राय, प्रहेलिका आचार्य—साथ ही शहर के प्रतिष्ठित वकील शुभ्रोजित राय, राजेश अग्रवाल और किरण शंकर घोष ने भी सहयोग किया।

इस मौके पर जलपाईगुड़ी के वरिष्ठ नागरिक किरण शंकर घोष, जनजातीय समाज की ओर से पाउरी मुंडा, अजित नागासिया, संजू मुंडा, सेलिम उरांव, 'आरोग्य भारती' के  केशव विश्वास, 'सक्षम' के  राजेश अग्रवाल, दिव्यांग कृषि विशेषज्ञ सुबीर राय, 'सेवा ट्रस्ट' के चंदन राय सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

उज्जीवनी फाउंडेशन का उद्देश्य है "भारतीय सभ्यता और संस्कृति का पुनरुत्थान एवं पुनर्जागरण", और यह आयोजन इसी सोच की एक मजबूत झलक थी। इस प्रेरणादायक पहल ने यह दिखा दिया कि थोड़ी सी सोच और संवेदना से समाज में कितनी बड़ी खुशी बांटी जा सकती है। अगर हर कोई अपनी खुशी में दूसरों को भी शामिल करे, तो समाज वाकई बदल सकता है।


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