पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान: बदलते दौर में एक स्थिर और सम्मानजनक करियर विकल्प
लेखक: डॉ. किमी, सहायक प्रोफेसर, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय
नई दिल्ली। लंबे समय तक पुस्तकालयों को केवल किताबों के भंडारण और अध्ययन की जगह माना जाता रहा है। लेकिन तकनीक और डिजिटल युग ने इस धारणा को बदल दिया है। आज पुस्तकालय केवल अध्ययन स्थल नहीं, बल्कि सूचना, अनुसंधान और करियर के नए आयामों का केंद्र बन चुके हैं। इन्हीं के साथ पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान एक उभरता हुआ करियर विकल्प बनकर सामने आया है।
क्या है पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान?
यह विषय किताबों, डिजिटल सामग्री और सूचनाओं के संग्रह, वर्गीकरण, प्रबंधन और प्रसार की प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से सिखाता है। इसका उद्देश्य सही जानकारी को सही व्यक्ति तक सही समय पर पहुँचाना है। इंटरनेट, डेटाबेस और ई-लाइब्रेरी की बढ़ती भूमिका ने इस क्षेत्र की उपयोगिता और व्यापकता को कई गुना बढ़ा दिया है।
कोर्स और शैक्षणिक अवसर
देश के लगभग सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों — जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आदि — में यह कोर्स उपलब्ध है। प्रमुख पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं:
बी.एल.आई.एससी. (B.L.I.Sc.) – स्नातक स्तर का एक वर्षीय कोर्स
एम.एल.आई.एससी. (M.L.I.Sc.) – परास्नातक स्तर का एक वर्षीय कोर्स
पीएच.डी. और एम.फिल. – शोध में रुचि रखने वालों के लिए
कुछ विश्वविद्यालयों में डिप्लोमा और ऑनलाइन कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय की अहम भूमिका
दिल्ली विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग की स्थापना पुस्तकालय विज्ञान के जनक कहे जाने वाले डॉ. एस. आर. रंगनाथन ने की थी। यह विभाग देश में शोध, शिक्षण और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत पुस्तकालय प्रशिक्षण का अग्रणी केंद्र है।
रोजगार के अवसर
इस क्षेत्र में नौकरी के लिए पर्याप्त अवसर हैं। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में पुस्तकालय विज्ञान के विशेषज्ञों की मांग लगातार बढ़ रही है।
प्रमुख पद:
पुस्तकालयाध्यक्ष
सूचना वैज्ञानिक
डॉक्यूमेंटेशन अधिकारी
ई-लाइब्रेरी मैनेजर
रिसर्च एसोसिएट
सहायक प्रोफेसर (UGC-NET पास करने पर)
सरकारी क्षेत्र में ये नौकरियां 7वें वेतन आयोग के अनुसार लेवल-1 से लेकर लेवल-14 तक की रैंक में आती हैं। नियुक्तियाँ विश्वविद्यालयों, स्कूलों, मंत्रालयों, न्यायालयों, लोक सेवा आयोगों और राष्ट्रीय पुस्तकालयों में होती हैं।
निजी और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अवसर
निजी विश्वविद्यालय, कॉर्पोरेट हाउस, आईटी कंपनियां, मीडिया संस्थान, एनजीओ, और अंतरराष्ट्रीय संगठन जैसे यूनिसेफ, यूनेस्को, वर्ल्ड बैंक आदि में भी सूचना विशेषज्ञों की मांग रहती है। विदेशों में भी इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए बढ़ते अवसर हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों में छात्रवृत्ति और रिसर्च असिस्टेंट की भूमिकाएं आम हैं।
शिक्षण के क्षेत्र में योगदान
UGC-NET जैसी परीक्षाएं पास करने के बाद इस विषय में अध्यापन की भूमिका भी निभाई जा सकती है। देश-विदेश के विश्वविद्यालयों में पुस्तकालय विज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफेसर अन्य विषयों के शिक्षकों के समान वेतन और सुविधाएं प्राप्त करते हैं।
समाज में भूमिका
पुस्तकालय आज केवल किताबों के संग्रह नहीं, बल्कि समाज के सूचना केंद्र हैं। वे डिजिटल साक्षरता, सूचना की पारदर्शिता और ज्ञान के लोकतंत्रीकरण का माध्यम बन चुके हैं। जानकारी के युग में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विशेषज्ञ समाज को ग़लत जानकारी से बचाने और सही सूचना तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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