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नेपाल की अशांति के कारण ममता बनर्जी का उत्तर बंगाल प्रवास बढ़ सकता है

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि नेपाल में जारी राजनीतिक हिंसा और अशांति शांत न होने पर वह गुरुवार को भी उत्तर बंगाल में ही रहेंगी और फिलहाल कोलकाता नहीं लौटेंगी।

उत्तरकन्या में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “यदि हालात नहीं सुधरे तो मैं यहीं रहूंगी। मेरा कर्तव्य है कि संकट की घड़ी में लोगों के साथ रहूं। रेल दुर्घटना हो या बाढ़ में फंसे लोग—मैं हमेशा लोगों के पास रहने की कोशिश करती हूं।”


मुख्यमंत्री ने बताया कि वह अब तक आठ जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर चुकी हैं और हालात का आकलन करने के बाद ही कोलकाता लौटने का फैसला करेंगी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कई लोग अपने स्वार्थ के लिए ‘घाटे में मछली पकड़ने’ की कोशिश करेंगे, लेकिन “लोगों के साथ खड़े होना और संकट से फायदा उठाना एक जैसी बात नहीं है।”

नेपाल की हिंसा को लेकर उन्होंने गहरी पीड़ा व्यक्त की। ममता ने कहा, “कल रात मैंने एक कविता लिखी। बहुत बुरा लगा। एक इंसान को जिंदा जला दिया गया और लोग उसका जश्न मना रहे थे। यह कैसी सभ्यता है?”

इससे पहले जलपाईगुड़ी की सभा में मुख्यमंत्री ने कहा था कि नेपाल में फंसे बंगाल के नागरिकों को राज्य सरकार दो-तीन दिनों में वापस लाने की व्यवस्था करेगी। साथ ही उन्होंने अपील की कि लोग घबराएँ नहीं और जल्दबाजी में जोखिम न लें।

मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल पहुँचते ही पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर सीमा सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए। एसएसबी और राज्य पुलिस के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई तथा दार्जिलिंग पुलिस ने नेपाल पुलिस से लगातार संपर्क बनाए रखने की बात कही।

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