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ट्रिब्यून के पहले ब्यूरो प्रमुख पर पुस्तक का विमोचन

चंडीगढ़ (प्रोसन बर्मन ) पुस्तक में प्रभाकर द्वारा लिखे गए लेख और चंडीगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पत्रकारिता और मीडिया बिरादरी में उनके योगदान को शामिल किया गया है। प्रभाकर ने


राजनीति, लोगों और समाज को कवर करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में काम किया। वह 1995 से 1997 तक चंडीगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष रहे और सदस्यों के लिए कल्याण कोष की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पुस्तक युवा  और मिडल एज  पत्रकारों के लिए मार्गदर्शन करेगी , जो उन्हें प्रभाकर  के व्यक्तिगत अनुभव के माध्यम से 1960 के दशक के बाद के पत्रकारिता काल को फिर से जीने का अनुभव देगी। द ट्रिब्यून के पूर्व वरिष्ठ  एसोसिएट संपादक रूपिंदर सिंह ने प्रभाकर के साथ काम करने के अपने अनुभवों को याद किया और उनके परामर्श कौशल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।   चंडीगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष सौरभ दुग्गल ने क्लब की बेहतरी के लिए प्रभाकर की विरासत और विकास की कहानियों के प्रति उनके शौक, संतुलित रिपोर्टिंग और सनसनीखेज में रुचि की कमी पर प्रकाश डाला।

उजागर सिंह ने प्रभाकर के संग अपनी लम्बी एसोसिएशन को याद करते हुए अपने संस्मरणों का जिक्र किया , उन्होंने प्रभाकर की  स्टोरी डेवेलप करने व सन्तुलित रिपोर्ट्स व सेंसेशनल पत्रकारिता से दूरी का जिक्र किया । 

नरेश कौशल ने भी प्रभाकर को अपने समय के धुरंधर बताते हुए , पटियाला की यादें ताज़ा की।

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