रॉयल बंगाल टाइगर के हमले में वनकर्मी गंभीर रूप से घायल
कोलकाता: दक्षिण 24 परगना के कुलतली के मयपीठ इलाके में एक रॉयल बंगाल टाइगर को पकड़ने की कोशिश के दौरान एक वनकर्मी पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल वनकर्मी की पहचान गणेश श्यामा के रूप में हुई है, जिन्हें गंभीर हालत में एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए बेहोशी की दवा, पिंजरे और अन्य जरूरी उपकरणों के साथ अपनी टीम को मौके पर भेजा है। यह भयावह घटना तब हुई जब जंगल से अचानक निकलकर बाघ ने वनकर्मी पर हमला कर दिया और उसकी गर्दन पकड़कर घसीटने की कोशिश की। वहां मौजूद अन्य वनकर्मी तुरंत उसकी मदद के लिए दौड़े और डंडों से बाघ को भगाने की कोशिश करने लगे। बाघ और वन विभाग की टीम के बीच काफी देर तक संघर्ष चला, जिसे देखकर स्थानीय लोग दहशत में आ गए।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कुलतली ब्लॉक के मयपीठ-बै
कुंठपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में रविवार रात से ही बाघ की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत थी। नलगोड़ा बीट ऑफिस के वन अधिकारी और रैदिघी रेंज की टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए थी। इस बीच, प्रशासन ने मयपीठ कोस्टल पुलिस स्टेशन को भी इस बारे में सूचित किया था। ग्रामीण इलाकों में बाघ के घुसने से रोकने के लिए वन विभाग ने नागेनाबाद नंबर 9 मूलर जेटी घाट के पास नायलॉन की जाली लगाई थी। हालांकि, रात में बाघ गांव में नहीं घुसा, लेकिन सुबह जाली के पास ही उसके ताजे पंजों के निशान मिले। इसके बाद वन विभाग ने बाघ को पकड़ने की योजना बनाई। इस अभियान के दौरान, स्थानीय टाइगर टीम के सदस्यों ने बाघ को फंसाने की कोशिश की। तभी अचानक बाघ ने गणेश श्यामा पर हमला कर दिया और उनकी गर्दन दबोच ली। साथी वनकर्मियों ने तुरंत डंडों से बाघ पर हमला कर उसे छुड़ाने की कोशिश की। इस घटना को लेकर दक्षिण 24 परगना वन विभाग की अधिकारी निशा गोस्वामी ने बताया, "हमें सूचना मिली थी कि कुलतली इलाके में एक बाघ घुस आया है। हमारी टीम मौके पर पहुंची और बाघ को वहां से भगाने की कोशिश की। लेकिन इसी दौरान बाघ ने अचानक एक वनकर्मी पर हमला कर दिया। घायल वनकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।" ग्रामीणों में बढ़ते डर को देखते हुए वन विभाग ने बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है।
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