मायापुर में होली और पंचवेणी संगम स्नान के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब
मायापुर: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ समाप्त होते ही भारत और दुनिया भर के भक्तों की नजर अब पश्चिम बंगाल के मायापुर पर टिकी हुई है। यहां श्री चैतन्य महाप्रभु के जन्मस्थान पर होली (दोल उत्सव) और पंचवेणी संगम में पवित्र स्नान के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पंचवेणी नदी के जिस महासंगम का उल्लेख किया गया है, उसे श्री गौरांग महाप्रभु के पार्षद नित्यानंद प्रभु ने वर्णित किया था। कालांतर में यह इतिहास कहीं न कहीं धुंधला पड़ गया। नित्यानंद प्रभु (जो निताई नाम से भी प्रसिद्ध हैं) गौड़ीय वैष्णव परंपरा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के अग्रज बलराम के अवतार माने जाते हैं। वे श्री गौरांग महाप्रभु के प्रमुख और अंतरंग पार्षद (सखा) थे। इन दोनों को गौर-निताई या निमाई-निताई के नाम से भी जाना जाता है। नित्यानंद प्रभु वैष्णवीय पंचतत्त्व में से एक हैं। मायापुर और नवद्वीप के विभिन्न मंदिरों, विशेषकर इस्कॉन(ISKCON) के चंद्रदया मंदिर और निर्माणाधीन वेदिक प्लैनेटेरियम मंदिर (TOVP) में
उत्सव की धूम मची है। भक्तगण पंचवेणी संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं, जहां भागीरथी, भोगवती और अलकनंदा (गंगा की धारा) के साथ जलांगी की यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। भक्तों का विशाल समागम, 35 दिन तक चलेगा उत्सव अंतरराष्ट्रीय इस्कॉन मायापुर हेडक्वार्टर के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर रसिक गौरांग दास ने बताया कि श्री चैतन्य महाप्रभु के 539वें शुभ प्राकट्य दिवस के उपलक्ष्य में 10 फरवरी से 16 मार्च 2025 तक 35 दिवसीय भव्य आयोजन किया गया है। इस दौरानविश्व वैष्णव सम्मेलन, 72 किमी लंबी नवद्वीप मंडल परिक्रमा, विश्व शांति यज्ञ, नौका विहार, श्रीमद्भागवत पाठ व प्रवचन अंतरराष्ट्रीय भक्तों द्वारा कीर्तन-भजन, नृत्य, नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम गंगा आरती, गौर-निताई एवं राधा-माधव संग कीर्तन यात्रा निःशुल्क प्रसाद वितरण जिला प्रशासन के अनुसार 5000 विदेशी श्रद्धालु और 15,000 भारतीय भक्त मायापुर पहुंच चुके हैं, जिससे क्षेत्र में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम इतने बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। गंगा घाटों पर पुलिस बल तैनात है, नाविकों को ओवरलोडिंग से बचने के निर्देश दिए गए हैं। नवद्वीप के गौड़ीय मठ, देवानंद गौड़ीय मठ और श्री चैतन्य सरस्वती मठ में भी भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है। मायापुर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, जिससे कि भक्त बिना किसी असुविधा के पवित्र स्नान, परिक्रमा और धार्मिक अनुष्ठानों का लाभ उठा सकें।
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