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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और उत्तराखंड परिवहन निगम के बीच समझौता, धार्मिक स्थलों तक सीधी बस सेवा होगी उपलब्ध

 नई दिल्ली: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) ने आज उत्तराखंड परिवहन निगम (UTC) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत उत्तराखंड के प्रमुख शहरों और धार्मिक स्थलों तक निर्बाध बस सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस साझेदारी के तहत, देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और हल्द्वानी जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सीधे जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को बेहतर और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा। पर्यटन और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की रणनीतिक स्थिति यमुना एक्सप्रेसवे के पास होने के कारण यह दिल्ली-एनसीआर, नोएडा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख केंद्रों से बेहतर सड़क संपर्क प्रदान करता है। इस सहयोग पर उत्तराखंड परिवहन निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम सड़क


और हवाई यात्रा को एकीकृत करके यात्रियों को तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे पर्यटन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।" नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमान ने इस पहल के व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, "यह साझेदारी यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटन और आर्थिक विकास को भी गति देगी, जिससे प्रमुख स्थलों तक पहुंच और आसान हो जाएगी।" तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगा यह कदम पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि विभिन्न अखाड़ों के संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाया जाए। उन्होंने कहा, "यह पहल धार्मिक यात्राओं के लिए बहुत मददगार होगी। इस तरह की योजना अन्य हवाई अड्डों पर भी लागू की जानी चाहिए।" भारत के सबसे महत्वाकांक्षी एयरपोर्ट प्रोजेक्ट्स में शामिल

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IATA कोड: DXN) उत्तर भारत में हवाई यात्रा के बुनियादी ढांचे को बदलने के लिए तैयार है। पहले चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा, जिसकी सालाना 12 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी। अंतिम चौथे चरण के पूरा होने पर, यह एयरपोर्ट 70 मिलियन यात्रियों की क्षमता के साथ देश के सबसे प्रमुख हवाई यातायात केंद्रों में शामिल हो जाएगा। यह पहल ना सिर्फ उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को भी नए आयाम देगी।

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