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तत्कालीन रेलवे अधिकारी को 05 वर्ष की कारावास के साथ 55,000/- रु. के जुर्माने की सजा सुनाई

चंडीगढ़/दिल्ली (प्रोसन बर्मन ): सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, लखनऊ ने आज   पी.के. दत्ता, तत्कालीन फिटर ग्रेड-1, सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (सी एंड डब्ल्यू), एनईआर, डीआरएम कार्यालय, वाराणसी  को  05  वर्ष की कारावास के साथ  55,000/- रु. के जुर्माने की सजा सुनाई। 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिनाँक 18.12.2007 को  पी.के. दत्ता, तत्कालीन फिटर ग्रेड-1, कार्यालय सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (सी एंड डब्ल्यू), एनईआर, डीआरएम कार्यालय, वाराणसी के विरुद्ध मामला दर्ज किया जिसमे आरोप है कि जनवरी 2006 से जून 2007 के दौरान, तत्कालीन फिटर ग्रेड-1 ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र रचा एवं मैसर्स विनटेक इंजीनियरिंग व  मैसर्स न्यू टेक एंटरप्राइजेज के नाम पर प्रस्तुत वाहन मरम्मत के फर्जी और जाली बिल धोखाधड़ी से तैयार  एवं पास  किए। इस प्रकार, आरोपी ने कथित तौर पर  रेलवे को 20,29,224/- रु. पर  की सदोषपूर्ण  हानि  एवं स्वयं  को इसी अनुरूप  लाभ पहुंचाया।

जांच के पश्चात,  दिनांक  27.01.2009 को आरोप पत्र दायर किया।  आरोपी   पी.के. दत्ता के विरुद्ध  दिनांक 16.01.2012 को आरोप तय किये गये। एक फरार आरोपी के विरुद्ध  मामले  की फाइल दिनांक 18.01.2024  से अलग कर दी गई है।

आरोपी  पी.के. दत्ता को दिनाँक 18.03.2024 को दोषी ठहराया तथा सजा पर सुनवाई आज दिनाँक 22.03.2024 को तय किया गया था।

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